प्रकाश का परावर्तन तथा अपवर्तन SUBJECTIVE,मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार प्रश्न उत्तर

प्रकाश का परावर्तन तथा अपवर्तन SUBJECTIVE

1. क्रांतिक कोण (Critical Angle) किसे कहते हैं ? 

उत्तर ⇒ जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो वह अभिलंब से परे हटती है अर्थात् विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण (∠r) सघन माध्यम में बने आपतित कोण (∠i) से बड़ा होता है। यदि विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण एक समकोण के समान हो जाए तो इसके सापेक्ष सघन माध्यम में बना आपतित कोण, क्रांतिक कोण कहलाता है।


2 . पैरिस्कोप किसे कहते हैं  इसके क्या उपयोग हैं ?

उत्तर ⇒ पैरिस्कोप एक यंत्र है जिसके द्वारा हम अपने में छिपी हुई वस्तुओं को देख सकते हैं। सैनिक खाइयों में छिपकर मैदानों- पहाड़ों को देख सकते हैं और पनडुब्बियों में बैठे सैनिकों, समुद्र तल का पर्यवेक्षण कर सकते हैं। किसी धुंध वाले दिन अवरक्त फोटोग्राफी भी इसकी सहायता से की जा सकती है। पैरिस्कोप समतल दर्पणों की सहायता से बनाए जा सकते हैं जो प्रकाश के परावर्तन-सिद्धांत पर कार्य करते हैं। उच्च कोटि के पैरिस्कोप में प्रिज्मों का प्रयोग किया जाता है।


3 . समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषताएँ लिखिए !

उत्तर ⇒ समतल दर्पण के सामने जितनी दूरी पर कोई वस्तु हो उसका बिंब उतना ही पीछे बनता है। समतल दर्पण में किसी वस्तु के पूरे बिंब को देखने के लिए दर्पण का आकार में उससे आधा होना आवश्यक होता है।


4 .अवतल दर्पणों के उपयोग लिखिए।

उत्तर ⇒ अवतल दर्पण के निम्न उपयोग हैं।
(i) बड़े आकार के अवतल दर्पणों का प्रयोग और ऊर्जा के लिए किया जाता है।
(ii) इनका प्रयोग वाहनों की हैडलाइट्स, लैपों, सर्चलाइट, टार्च आदि बनाने में किया जाता है।
(iii) शेविंग दर्पणों को बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है।
(iv) दंत चिकित्सक तथा विशेषज्ञ रोगी का परीक्षण करने के लिए इनका प्रयोग करते हैं।


5.  प्रकाश का अपवर्तन क्या है ? इसके नियमों को लिखें।

उत्तर ⇒ प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं-
(i) आपतित किरण,अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों  एक ही तल में होते हैं।
(ii) जब एक ही रंग के प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है तो आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है ।  इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते 

6 . समतल दर्पण  द्वारा उत्पन्न आर्वधन +1 है, इसका क्या अर्थ है ?

उत्तर ⇒ एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आर्वधन +1 होने का अर्थ है कि समतल दर्पण के द्वारा जिस वस्तु का प्रतिबिम्ब बन रहा है, उस वस्तु का साइज दर्पण (समतल) द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब के साइज के बराबर है। धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है।


7 . उत्तल लेस के दो उपयोग को बताएँ !

उत्तर ⇒ उत्तल लेंस का दो उपयोग इस प्रकार हैं-

(i) नेत्र से दूर-दृष्टि दोष को सुधारने में

(ii) छपाई के छोटे-छोटे अक्षरों के पढ़ने में होता है।


8. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ? इसके नियमों को लिखें ।

उत्तर ⇒ जब प्रकाश किसी पॉलिश की हुई या चमकदार सतह पर पड़ता है तो यह एक सुनिश्चित दिशा में विस्तारित होता है। किसी पॉलिश की हुई सतह से प्रकाश का एक सुनिश्चित रूप से दिशा बदलने की परिघटना को परावर्तन कहते हैं।
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं –
(i) आपतित किरण दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर होता है।


9 . दिए गये उत्तल लेंस, अवतल लेंस एवं काँच की एक वृत्ताकार। पटिका के सतहों को छुए बिना उनकी पहचान कैसे करेंगे ?

उत्तर ⇒ उत्तल लेंस, अवतल लेंस तथा काँच की पट्टिका को मुद्रित अक्षरों के ऊपर रखकर उठाने से यदि अक्षरों का आकार बढ़ता हुआ दिखाई दे तो वह उत्तल लेंस होगा और यदि अक्षरों का आकार छोटा दिखाई दे तो वह अवतल लेंस होगा। और यदि अक्षरों का आकार समान रहे तो वह काँच की वृत्ताकार पट्टिका होगी।


10. हमें वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?

उत्तर ⇒ उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में इसलिए वरीयता देते हैं। क्योंकि वे सदैव सीधा प्रतिबिम्ब बनाते हैं। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है। क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं।


11. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है?

उत्तर ⇒ उत्तल लेंस के द्वारा आपतित समांतर किरणे अपवर्तन के फलस्वरूप | एक बिंदु पर मिलती हैं। यानी, उत्तल लेंस प्रकाश के समांतर किरणों को अभिसरित | करता है। अतः उत्तल लेंस को इसी गुण के कारण अभिसारी लेंस कहते हैं।

मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार प्रश्न उत्तर

1 .दो आंखों की क्या उपयोगिता है ?

उत्तर  ⇒ वस्तु को दो आंखों से देखने की उपयोगिता निम्न है ?

(i) वस्तु की दूरी का अंदाजा ठीक लगाया जा सकता है ।
(ii) वस्तु त्रिदिशाओं का प्रभाव ठीक से प्राप्त किया जा सकता है ।
(iii) दोनों आंख एक दूसरे को सेकंड के एक भाग के लिए आराम देती रहती है  |


2. दूर दृष्टिदोष से आपका क्या अभिप्राय है ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ?

उत्तर  ⇒ इस दृष्टि दोष में नेत्र निकट की वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है इस स्थिति में प्रतिबिंब दृष्टिपटल के पीछे बनता है दीर्घ दृष्टि के लिए एक निकट बिंदु होता है।

दोष का निवारण :- इस दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है यह प्रतिबिंब को दृष्टि पटल पर बनाने में मदद करता है ।


3 .प्रकाश का वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब कांच की प्रिज्म से प्रकाश का पुंज गुजारा जाता है तो यह सात रंगों में बैठ जाता है जिसे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं इन सात रंगों को बैगनी, हल्के नीले ,नीला ,हरा, पीला, ऑरेंज और लाल वर्ण क्रम में व्यवस्था प्राप्त होती है। यह सभी रंग अलग-अलग कौन पर मुड़ते हैं। लाल रंग सबसे कम मुड़ता है और बैगनी सबसे अधिक। वर्णक्रम को VIBGYOR के द्वारा याद रखा जा सकता है । प्रकाश का विक्षेपण प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है । प्रकाश के विभिन्न रंगों के द्वारा निर्वाह या हवा में समान वेग से दूरी तय की जाती है।


4 .समंजन क्षमता को परिभाषित कीजिए। एक वयस्क में सामान्य दृष्टि के लिए इसका मान क्या होता है ?

उत्तर  ⇒ अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता, जिसके द्वारा विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए लेंस की फोकस दूरी को कम अथवा अधिक किया जाता है, समंजन क्षमता कहलाती है। सामान्य दृष्टि के लिए, युवा-वयस्कों में समंजन 25 cm. तथा अनन्त के बीच होता है, इसलिए समंजन क्षमता 4 डाइऑप्टर होती है।


5. जरा दूरदर्शिता तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर  ⇒ दोनों स्थितियों में नजदीकी वस्तु को ना देख पाना तथा अभिनेत्र लेंस की अधिक फोकस दूरी के कारण है। दीर्घ दोष में, अभिनेत्र लेंस बीच में पतला हो जाता है या नेत्र गोलक छोटा हो जाता है। यदि दोस्त पक्ष्माभी पेशियों के कमजोर पड़ जाने से है तो वह लेंस की फोकस दूरी को कम नहीं कर पाती है और इस दोस्त को जरा दूरदर्शिता दोस्त कहते हैं ऐसा दोस्त अधिकतर आयु में वृद्धि होने पर हो जाता है।

6 . सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?

उत्तर  ⇒  किसी वस्तु को आराम से सुस्पष्ट देखने के लिए इसे अपने नेत्रों से कम-से-कम 25 cm. (जो कि सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी है) दूर रखना होता है। अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से नीचे तक नहीं घट सकती । यदि कोई वस्तु नेत्र के अत्यधिक निकट है, तो अभिनेत्र लेंस इतना अधिक वक्रित नहीं हो पाता कि वस्तु का प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल पर बने, जिसके फलस्वरूप परिणामी प्रतिबिम्ब धुंधला-सा बनता है।


7 .तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे बढ़ते हुए अपवर्तनांक वाले माध्यम से गुजरना पड़ता है। इसके कारण तारों का प्रकाश लगातार पृथ्वी की त्रिज्या की तरफ मुड़ता जाता है। माध्यम के अपवर्तनांक में अनियमित उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, जिसके कारण तारों का प्रकाश कभी हमारी आँखों तक पहुँचता है, कभी नहीं पहुँचता। इसके कारण हमें तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं।


8 . दृष्टि निर्बध क्या है ? किस प्रकार चलचित्र संभव होता है ?

उत्तर  ⇒ रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब वस्तु के हटाए जाने के 1/10 सेकेण्ड तक स्थिर रहता है। इसे दृष्टि निर्बध कहते हैं । यदि चलचित्र कैमरे द्वारा खींचे गए अचल चित्रों में दृश्यों के क्रम को किसी परदे पर लगभग 24 प्रतिबिम्ब बनाता प्रति सेकेण्ड अथवा इससे अधिक दर पर प्रक्षेपित किया जाए तो प्रतिबिम्बों के क्रमागत प्रभाव निर्बाध रूप से एक-दूसरे में मिश्रित अथवा विलीन होते प्रतीत होते हैं। इस सिद्धान्त से चलचित्र संभव हो पाता है।


9 . स्वच्छ आकाश का रंग हमें नीला दिखाई पड़ता है जबकि किसी अन्तरिक्ष यात्री को काला प्रतीत होता है, क्यों ?

उत्तर  ⇒ सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तब प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। रंग के प्रकीर्णन में नीले रंग की अधिकता होती है, इसलिए आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है।


10.  रेलवे के सिग्नल का प्रकाश लाल रंग का ही क्यों होता है ?
उत्तर  ⇒ – रेलवे के सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है और लाल रंग अधिक दूरी से भी साफ-साफ दिखलाई पड़ जाती है

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