अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषता क्या है ?

अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषता क्या है ?

उत्तर ⇒  अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषता है –

अलैंगिक जनन से पैदा होनेवाली संतानें आनुवंशिक गुणों में ठीक जनकों की तरह होती हैं, क्योंकि इसमें युग्मकों का संगलन नहीं होता है । इसमें निषेचन की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि युग्मकों का संगलन (fusion) नहीं होता ।

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2. नर जनन तंत्र के सभी संरचनाओं के नाम लिखें।

उत्तर ⇒  नर जनन तंत्र में निम्नांकित संरचनाएँ पायी जाती हैं—दो वृषण, दो अधिवृषण, दो शुक्रवाहिनी, दो शुक्राशय एवं एक मूत्रमार्ग तथा शिश्न।


3. लैंगिक जनन का क्या महत्त्व है ?

उत्तर ⇒  सभी जीवों में गुणसूत्रों की एक संख्या निश्चित होती है। अलैंगिक जनन करने वाले में असमसूत्री या समसूत्री प्रकार का कोशिका विभाजन होता है, जिसके कारण उनमें कोई विभिन्नता नहीं आती। प्रत्येक पीढ़ी में क्रोमोसोम की संख्या भी निश्चित रहती है। लैंगिक जनन करने वालों में अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन होता है, जिससे उसमें भिन्नता आ जाती है। यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ती जाती है।


4. पौधों में लैंगिक जनन कैसे होता है ?

उत्तर ⇒  पौधों में लैंगिक जनन – एन्जिओस्पर्मस (पुष्पी पौधे) में अधिकांश पुष्प द्विलिंगी होते हैं। इनमें दोनों प्रकार के जननांग होते हैं। पुमंग को नर जननांग या जायांग तथा कारपल को मादा जननांग कहते हैं। पुमंग में परागकण बनते हैं जिसे माइक्रोस्पोर भी कहते हैं। जायांग में बीजाण्ड या मेगास्पोर बनते हैं। ये अर्धसूत्री विभाजन द्वारा बनते हैं। इनके निषेचन के बाद फल तथा बीज बनते हैं। बीज के अंकुरण के बाद नन्हा पौधा बनता है।


5. शुक्रजनन नलिका के बारे में बताएँ।

उत्तर ⇒  प्रत्येक वृषण में 900 शुक्रजनन नलिका होती है, जिसके अंदर शुक्राणु का निर्माण होता है। नर्स कोशिका, शुक्राण को पोषण प्रदान करती है।


6. जनन किसी जीव की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर ⇒  किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है । एक समष्टि में जन्म दर और मृत्यु दर ही उसके आधार पर निर्धारण करते हैं।


7. परागण से क्या समझते हैं ? परागण कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर ⇒  नर जनन अंग से परागकण का गमन मादा जनन अंग पर होना परागण कहलाता है । इसमें कीडे, जानवर, हवा तथा पानी सहायक होते हैं। परागण दो प्रकार के होते हैं

(i) स्वपरागण

(ii) परपरागण


8. ऋतुस्त्राव क्यों होता है ?

उत्तर ⇒  यदि अंडकोशिका का निषेचन नहीं हो तो यह लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। गर्भाशय भी प्रतिमाह निषेचित अंड की प्राप्ति हेत तैयारी करता है। अत: इसकी अंत:भित्ति मांसल एवं स्पॉनजी हो जाती है जो कि अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है। परंतु निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती। अतः यह पर्त धीरे-धीरे टटकर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्कासित होती है। इस चक्र में लगभग एक मास का समय लगता है तथा इसे ऋतुस्राव या रजोधर्म कहते हैं।


9. युग्मनज से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒  परिपक्व शुक्राणु, अंडाणु में पूरी तरह मिलकर युग्मनज का निर्माण करती है।


10. वर्षा होने के समय मक्का के परागण क्रिया में क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है ?

उत्तर ⇒  इन पौधों में आनुवंशिक विभिन्नता नहीं होती है. जिसके कारण ये पौधे पर्यावरण के उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं। ऐसे पौधे में पर्यावरण के साथ अनुकूलित होने की झमता कम होती है जिसके कारण उत्पादन कम होने, बीमारियाँ होने तथा मर जाने की संभावना बढ़ जाती है।


11. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?

उत्तर ⇒  मानव में वृषण के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –
(i) वृषण में शुक्राणु उत्पन्न होते हैं जो लैंगिक जनन क्रिया में सक्रिय भाग लेकर भावी पीढ़ी को जन्म देने में सहायक होते हैं।

(ii) वषण में उत्पन्न हॉर्मोन जिसे टैस्टोस्टीरोन कहते हैं, मानव शरीर में द्वितीयक जनन लक्षणों को स्थापित करने के लिए उत्तरदायी होता है ।


12. कार्पसल्यूटियम का कार्य समझाएँ।

उत्तर ⇒  कार्पसल्यूटियम प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन का स्राव करता है, जो गर्भाशय की दीवारों को काफी मोटा करता है तथा गर्भधारण में मदद करता है।


13. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए ही लाभदायक है, परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों ?

उत्तर ⇒  जीवों में पायी जानेवाली विभिन्नता, नई जाति के प्रादुर्भाव में मदद करता है। नये वातावरण एवं प्रतिकूल परिस्थिति में स्थायित्व कायम रखता है। यह विभिन्नता व्यष्टि के लिए लाभदायक नहीं होती है। क्योंकि किसी निश्चित स्थान पर प्राकृतिक आपदाएँ इसे नष्ट कर देती हैं।


14. गर्भ निरोधक गोलियों के बारे में बताएँ।

उत्तर ⇒  परिवार नियोजन के कई उपायों में गर्भ निरोधक गोलियाँ भी एक उपाय है। इनमें कृत्रिम प्रोजेस्टेरॉन तथा एस्ट्रोजन डाला जाता है। यह ESH एवं LH के स्राव पर प्रतिबंध लगा देता है। जिसके कारण अंडोत्सर्ग की क्रिया नहीं होती है।


15. परागण क्या है ? परागण में कीटों की क्या भूमिका होती है ?

उत्तर ⇒  परागकोष से परागकणों का प्रकीर्णन वर्तिकाग्र तक होने की प्रक्रिया को परागण कहते हैं । कीटों के द्वार पर-परागण की क्रिया होती है ।


16. द्विलिंगी जीव कौन-से होते हैं? उदाहरण लिखें।

उत्तर ⇒  वे जीव जिनमें नर तथा मादा दोनों अंग होते हैं तथा वे नर तथा मादा दोनों प्रकार के युग्मों को उत्पन्न करते हैं, उभयलिंगी अथवा द्विलिंगी जीव कहलाते हैं।
जैसे-केंचुआ।


17. डी०एन०ए० की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए क्यों आवश्यक है ?

उत्तर ⇒  एक पीढी से दूसरी पीढी में आनवंशिक गणों का वाहक क्रोमोसोम होता है, जो D.N.A. से बना होता है। अतः इसकी प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है।


18. परागण क्रिया निषेचन क्रिया से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर ⇒  परागकणों के परागकोश से निकलकर उसी पुष्प या उस जाति के दूसरे पुष्पों के वर्तिकान तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं। निषेचन के अंतर्गत परागकणों के वर्तिकान तक पहुँचने के बाद निषेचन की क्रिया होती है। नर युग्मक और मादा युग्मक के संगलन को निषेचन कहा जाता है।


19. लैंगिक जनन संचारित रोगों के बारे में लिखें।

उत्तर ⇒  लैंगिक जनन संचारित रोग (sexually transmitted disease, STD) यौन संबंध से होनेवाले संक्रामक रोग को कहा जाता है । यह रोग कई तरह के रोगाणुओं, जैसे—बैक्टीरिया, वाइरस, परजीवी प्रोटोजोआ, यीस्ट जैसे सूक्ष्मजीवों द्वारा होते हैं । मनुष्य में होनेवाले ऐसे प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं –

बैक्टीरिया जनित रोग – गोनोरिया (Gonorrhoea), सिफलिस (Syphlis), यूरेथ्राइटिस (Urethrites) तथा सर्विसाइटिस (Cervicitis) बैक्टीरिया के संक्रमण से होनेवाले कुछ प्रमुख रोग हैं।

वायरस जनित रोग – सर्विक्स कैंसर (Cervix Carcinoma), हर्पिस (Herpes) तथा एड्स (Acquired Immune Deficiency Syndrome, AIDS), इत्यादि ।

प्रोटोजोआ जनित रोग — स्त्रियों के मूत्रजनन नलिकाओं, एक प्रकार के प्रोटोजोआ के संक्रमण से होनेवाला रोग ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) है ।


20. एकलिंगी (Asexual) तथा द्विलिंगी (Bisexual) की परिभाषा एक-एक उदाहरण देकर कीजिए।

उत्तर ⇒  एकलिंगी –वे जीव जिनमें नर और मादा स्पष्ट रूप से अलग-अलग हों उन्हें एकलिंगी जीव कहते हैं। उदाहरण—मनुष्य।

द्विलिंगी-वे जीव जिनमें नर और मादा लिंग एक साथ उपस्थित होते हैं उन्हें द्विलिंगी कहते हैं। उदाहरण केंचुआ।


21. कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें। यह किन पौधों में करते हैं ?

उत्तर ⇒  कायिक पादप शरीर का कोई भी कायिक या वर्षी भाग (जैसे—जड़, तना, पत्ती) विलग और परिवर्द्धित होकर नए पौधों का निर्माण करते हैं, कायिक प्रवर्धन कहलाता है। कायिक प्रवर्धन मुख्यतः गुलाब, आलू, ब्रायोफाइलम आदि में किया जाता है।


22. मुकुलन क्या है ?

उत्तर ⇒  मुकुलन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है। जिसमें जीवों की उत्पति जनक के शरीर के धरातल से कलिका फूटने या प्रवर्ध निकलने के फलस्वरूप होता है।
इस प्रक्रिया में जीव शरीर के किसी भाग से एक या एक से अधिक कंदरूपी उभार निकलता है। जिसे मुकुल या बड (Bud) कहते हैं। उसके बाद जनक कोशिका केन्द्रक मुकुल में पहुँच जाता है। केन्द्रकयुक्त मुकुल जनक के शरीर से विलग होकर नए जीव का निर्माण करता है।

चित्र- यीस्ट में मुकुलन

चित्र – यीस्ट में मुकुलन


23. पौधों में लैंगिक जनन के लिए कौन-सा भाग उत्तरदायी है ? समझाएँ।

उत्तर ⇒  पौधों में लैंगिक जनन के लिए पुष्प उत्तरदायी होता है । पुष्प के चार भाग होते हैं, जिसमें नर जनन अंग तथा मादा जनन अंग दोनों पाए जाते हैं। नर जनन अंग को पुशंग तथा मादा जनन अंग को जायांग कहते हैं।


24. बहुखंडन किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  एक कोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन द्वारा नए जीव की उत्पत्ति होती है इसमें कोशिका अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं । जैसे मलेरिया परजीवी, प्लैज्मोडियम ।


25. मासिक चक्र कब और क्यों होता है ?

उत्तर ⇒  जब परिपक्व अंडाणु, शुक्राणु से संयोजन नहीं कर पाता है, तो टूट जाता है, जिसके साथ आंतरिक दीवार एवं अन्य उत्सर्जी पदार्थ बाहर निकलते हैं, इसे मासिक चक्र कहते हैं। यह 28 दिनों के अंतराल पर होता है।


26. शुक्राणु का निर्माण कहाँ तथा कैसे होता है ?

उत्तर ⇒  शुक्राणु का निर्माण वृषण (testes) में होता है। यह लगातार कोशिका विभाजन के कारण होता है। संतति कोशिका धीरे-धीरे शुक्राणु में बदल जाती है।


27. एक प्ररूपी पुष्प के सहायक अंग एवं आवश्यक अंग में क्या भिन्नता है ?

उत्तर ⇒  एक प्ररूपी पुष्प (typical flower) में चार प्रकार के. पुष्पपत्र होते है

(i) बाह्यदलपुंज (Calyx),

(ii) दलपुंज (Corolla),

(iii) पुमंग (Androecium),

(iv) जायांग (Gynoecium) इनमें से दो बाहरी चक्रों यानी बाह्यदलपुंज एवं दलपुंज को सहायक अंग(accessory organs) एवं भीतरी दो चक्रों यानी पुमंग और जायांग को आवश्यक अंग (essential organs) कहा जाता है। सहायक अंग फूल को आकर्षक बनाने के साथ आवश्यक अंगों की रक्षा भी करते हैं तथा आवश्यक अंग जनन का कार्य करत हैं। इनमें यही भिन्नता है।

चित्र: पुष्प का अनुदैर्घ्य काट

चित्र पुष्प का अनुदैर्घ्य काट


28. एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है ?

उत्तर ⇒  एक कोशिकीय जीव अधिकतर विखंडन, मुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जनन करते हैं। इनमें सिर्फ एक कोशिका ही होता है। वे सरलता से काशिका विभाजन के द्वारा तेजी से जनन कर सकते हैं। बहकोशिकीय जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है और वे मख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।


29. इस चित्र के विषय में टिप्पणी लिखें।

जीव जनन कैसे करते हैं

चित्र  हाइड्रा में मुकुलन

उत्तर ⇒  कुछ प्राणी पुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग मुकुलन के लिए करते हैं । हाइड्रा में कोशिकाओं के नियमित विभाजन के कारण एक स्थान पर उभार विकसित हो जाता है । यह उभार (मुकुल) वृद्धि करता हुआ नन्हें जीव में बदल जाता है तथा पूर्ण विकसित होकर जनक से अलग होकर स्वतंत्र जीव बन जाता है।


30. अमीबा के द्विखंडन प्रजनन को चित्र द्वारा दर्शायें ।

उत्तर ⇒ 

जीव जनन कैसे करते हैं

31. बीजाणुजनन से जीवों को क्या लाभ है ?

उत्तर ⇒  बीजाणुजनन से जीवों को यह लाभ है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में बीजाणु या spores नष्ट नहीं होते, अपितु, बीजाणुधानी अपने चारों ओर एक मोटा
और कड़ा आवरण बना लेते हैं जो इन्हें नष्ट नहीं होने देता। वातावरण में अनुकल परिस्थिति बहाल होने पर बीजाणुधानी की मोटी भित्ति फट जाती है और बीजाणु बाहर आ जाते हैं। अतः बीजाणुजनन से ज्यादा संख्या में एवं जल्दी से जीव अपनी संतानों की उत्पत्ति कर सकते हैं।

जीव जनन कैसे करते हैं

32 द्विखंडन एवं बहुखंडन में अंतर बताएँ।

उत्तर ⇒  द्विखंडन एवं बहुखंडन में अंतर इस प्रकार हैं –

                                   द्विखंडन                                    बहुखंडन
(i) द्विखंडन की वह विधि जिसमें दो समान संतति निर्माण करते हैं(i) विखंडन की वह विधि जिसमें अनेक समान संतति का निर्माण होता है।
  (ii) यह हमेशा अनूकूल वातावरण में होता है।(ii) यह प्रतिकूल वातावरण में भी में होता है।
(iii) इसमें जनक जीव का कोई भी मात्रा नष्ट नहीं होता है(iii) इसमें जनक का कोशिकाद्रव्य या झिल्ली नष्ट हो जाता है।

1. आनुवंशिकी से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒  जीवविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत संतति में जाने वाले लक्षण का अध्ययन करते हैं, आनुवंशिकी कहलाता है।


2. आनुवंशिक गुण से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒  प्रकृति में कोई भी दो जीव बिलकुल एक समान नहीं होते हैं। इनमें कुछ-न-कुछ असमानताएँ अवश्य होती हैं। जीवों में विभिन्नताओं की अधिकता के फलस्वरूप जीवन के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है। जीवन के लिए संघर्ष में वही जीव योग्यतम होते हैं जो सबसे अधिक योग्य गुणों वाले होते हैं, अर्थात् शक्तिशाली होते हैं। अयोग्य गुणों वाले जीव नष्ट हो जाते हैं। प्राकृतिक चुनाव द्वारा प्राप्त जीवों की उपयोगी भिन्नताएँ फिर दूसरी पीढ़ी में, उनके संतानों में वंशागत होती है। इस तरह ये भिन्नताएँ पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होती हैं। यही आनुवंशिक गुण हैं।

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3. जैव विकास किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  ‘जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का इतिहास तथा समय समय पर उनमें हुए क्रमिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता हैं, जैव विकास कहलाता है ।


4. जैव विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर संबंधित है ?

उत्तर ⇒  जीवों में वर्गीकरण का अध्ययन उनमें विद्यमान समानताओं और भेदों के आधार पर किया जाता है। उनमें समानता इसलिए प्रकट होती है कि वे किसी समान पूर्वज से उत्पन्न हुए हैं और उनमें भिन्नता विभिन्न प्रकार के पर्यावरणों में की जानेवाली अनुकूलता के कारण से है। उनमें बढ़ती जटिलता को जैव विकास के उत्तरोत्तर क्रमिक आधार पर स्थापित कर अंतसंबंधों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।


5. जीवों में उत्परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है ?

उत्तर ⇒  जीवों में उत्परिवर्तन का मुख्य कारण आनुवंशिक विभिन्नता है। यह अर्द्धसूत्री विभाजन के समय होता है, जो नई जाति के विकास में अहम भूमिका निभाता है।


6. हम अपने माता-पिता के समान क्यों होते हैं ?

उत्तर ⇒  प्रत्येक जीव में बहुत से ऐसे गण होते हैं जो पीढी दर पीढ़ी माता-पिता अर्थात् जनकों से उनके संतानों में संचरित होते रहते हैं। ऐसे गुणों को आनुवंशिक गुण या पैतृक गुण कहते हैं। इन्हीं गुणों के कारण हम अपने माता-पिता के समान होते हैं।


7. डार्विनवाद के बारे में बताएँ।

उत्तर ⇒  चार्ल्स डार्विन के अनुसार प्रत्येक जीव में प्रजनन की असीम क्षमता होती है, पर पृथ्वी पर भोजन एवं आवास नियत है। अतः जीवों में अपने अस्तित्व
को बचाने के लिए आपस में संघर्ष होता है।


8. जंतु वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों का नाम लिखें।

उत्तर ⇒  जंतु वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों के नाम निम्नलिखित हैं –

जगत (kingdom), उपजगत (subkingdom), फाइलम (phylum) या डिवीजन (division), वर्ग (class), गण (order), कुल (family), वंश (genus) तथा जाति (species)।
इस पदानुक्रम में जीवों के वर्गीकरण का आधार उनके गुणों में समानता तथा असमानता है ।


9. उपार्जित लक्षण क्या है ?

उत्तर ⇒  परिवर्तित वातावरण के कारण जीवों के अंगों का उपयोग ज्यादा या कम का उपयोग अधिक होता है वे अधिक विकसित हो जाते हैं तथा जिनका उपयोग नहीं होता है उनका धीरे-धीरे हास हो जाता है । वातावरण के सीधे प्रभाव से या अंगों के कम या अधिक उपयोग के कारण जंतु के शरीर में जो परिवर्तन होते हैं, उन्हें उपार्जित लक्षण (acquired character) कहते हैं।


10. पक्षियों का विकास डायनोसौर से क्यों माना जाता है ?

उत्तर ⇒  डायनासौर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा। इसलिए पक्षियों की डायनोसौर से सर्बोधत मान लिया जाता है।


11. मेंडल के मटर के पौधों पर प्रयोग से क्या परिणाम निकला ?

उत्तर ⇒  मेंडल के मटर के पौधों पर किए प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम निकलें –

(i) पौधों में लक्षण कुछ इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं। उन्हें कारक कहा जाता है। प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक में एक कारक होता है, जैसे लंबाई, फूल का रंग।
(ii) एक लक्षण को दो कारकों द्वारा ही व्यक्त किया जाता है, जैसे TT या tt.


12. मेंडल ने किन सात लक्षणों पर अपना प्रयोग किया था ?

उत्तर ⇒ मेंडल ने मटर के पौधे पर अपना प्रयोग किया था, जिनमें निम्न लक्षण को चुना गया था –

(i) पौधे की लंबाई

(ii) पुष्प का रंग

(iii) बीज का आकार

(iv) बीज का रंग

(v) फल का आकार

(vi) फल का रंग

(vii) फल की आकृति


13. मेंडल की सफलता का मुख्य कारण क्या है ?

उत्तर ⇒  मेंडल की सफलता का मुख्य कारण है कि उन्होंने मटर के पौधे पर प्रयोग किया था, जिसमें विभिन्न रंग एवं प्रकार के पुष्प होते हैं। इसके सारे क्रोमोसोम एक दूसरे से दूर स्थित थे, जिसके कारण मिश्रित नहीं हो पाते थे।


14. मेंडल का स्वतंत्र विन्यास का नियम (Mendels’s law of independent assortment) क्या है ?

उत्तर ⇒  मंडल का स्वतंत्र विन्यास का नियम (Mendels law of independent assortment) के अंतर्गत एक आनुवंशिक लक्षण का प्रभावी गुण दूसरे के प्रभावी गुण से ही नहीं, बल्कि अप्रभावी गुण से भी मिल सकता है। इसी प्रकार, एक का अप्रभावी गुण दूसरे के अप्रभावी गुण से ही नहीं, बल्कि प्रभावी गुण से भी मिल सकता है।


15. जीनप्ररूप या जीनोटाइप किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  किसी जीव की जीनी संरचना (genetic coustitution) उस जीव का जीन प्ररूप या जीनोटाइप (genotype) कहलाता है । जीवों के गुणों (जैसे-शारीरिक गठन, लंबाई, त्वचा एवं बालों का रंग इत्यादि) का निर्धारण उनके जीन प्ररूपों के कारण ही होता है । जीन प्ररूप के कारण प्रकट होनेवाले गुणों की नींव का निर्धारण जनकों (माता-पिता) के युग्मकों के संयोजन के समय ही हो जाता है।


16. आण्विक जातिवृत्त क्या है ?

उत्तर ⇒  मानव सहित विभिन्न जीवों के पूर्वजों की खोज उनके DNA में हुए परिवर्तन का अध्ययन कर किया जा सकता है | DNA में परिवर्तन का अर्थ उसके प्रोटीन अनुक्रम (protein sequence) में परिवर्तन से है । DNA अनुक्रम (DNA sequence) के तुलनात्मक अध्ययन द्वारा किसी जीव के पूर्वजों की खोज आण्विक
जातिवृत्त (Imolecular phylogeny) कहलाता है।


17. वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है।

उत्तर ⇒  वे विभिन्न तरीके जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है, निम्नलिखित हैं –

(i) जीन कोश के कुछ जीन में वातावरणीय कारणों से कुछ बदलाव आ सकता है।
(ii) दूसरी स्थिति में आनुवंशिक विभिन्नता हो सकती है।
(iii) तीसरी स्थिति में आनुवंशिक विचलन (genetic drift -जीन की बारंबारता में निरुद्देश्य होनेवाला परिवर्तन) ।


18. क्रोमोसोम से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒  नाभिक के अंदर क्रोमेटिन के धागे पाए जाते हैं, जो कोशिका विभाजन के समय संघनित होकर क्रोमोसोम का निर्माण करते हैं ।


19. जीन क्या है ? कोशिका में इसका उपस्थिति स्थल कहाँ है ?

उत्तर ⇒  सभी गणों का जनकों से अपनी संतति में संचरण का माध्यम जीन है। कोशिका में यह गुणसूत्र पर केंद्रक के अंदर पाया जाता है ।


20. विभिन्नता से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒  वैसी विभिन्नताएँ जो गुणसूत्र या जीन के गुणों में विभिन्नता के कारण उत्पन्न नहीं होती है, वरन अन्य कारण जैसे जलवायु एवं वातावरण से उत्पन्न होती है कायिक विभिन्नता कहलाता है ।


21. वे कौन से कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं ?

उत्तर ⇒  नई स्पीशीज के उद्भव में वर्तमान स्पीशीज के सदस्यों का परिवर्तनशील पर्यावरण में जीवित बने रहना है । इन सदस्यों को नये पर्यावरण में जीवित रहने
बाह्य लक्षणों में परिवर्तन करना पड़ता है । अत: भावी पीढ़ी के सदस्यों म.शारारिक लक्षणों में परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं जो संभोग क्रिया के द्वारा अगली पढ़िी में हस्तांतरित हो जाते हैं परंतु यदि दुसरी कॉलोनी के नर एवं मादा जीव वर्तमान पयावरण में संभोग करेंगे तब उत्पन्न होने वाली पीढी के सदस्य जीवित नहीं रह सकेंगे


22. लिंग-क्रोमोसोम किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  मनुष्य में 23 जोडे क्रोमोसोम होते हैं । इनमें 22 जोडे क्रोमोसोम एक ही प्रकार के होते हैं, जिसे ऑटोसोम (autosomes) कहते हैं । तेईसवाँ जोडा भिन्न आकार का होता है. जिसे लिंग क्रोमोसोम (sex chromosomes) कहते है । यह दी प्रकार के होते हैं-X और Y, Y कोमोसोम लंबा और छड़ के आकार का (rod shaped) होता है, Y क्रोमोसोम अपेक्षाकृत बहुत छोटे आकार का होता है । नर में X और Y दोनों लिंग-क्रोमोसोम मौजूद होते हैं, पर मादा में Y क्रोमोसोम अनुपस्थित होता है । उसके स्थान पर एक और X क्रोमोसोम होता है अर्थात मादा में दोनों X क्रोमोसोम होते हैं । ये X और Y क्रोमोसोम ही मनुष्य में लिंग-निर्धारण (sex determination) के लिए उत्तरदायी (responsible) होते हैं।


23. गुणसूत्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।

उत्तर ⇒  एक गुणसूत्र में एक या दो क्रोमेटिड होते हैं, जो सेन्ट्रोमियर से जुड़े होते हैं। गुणसूत्र DNA से बना होता है।

गुणसूत्र DNA से बना होता है।

24. जेनेटिक्स (genetics) या आनुवंशिकी किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  जेनेटिक्स (genetics) या आनुवंशिकी, आनुवंशिकी एवं विभिन्नता का अध्ययन है जो कि जीवविज्ञान की एक विशेष शाखा के अंतर्गत होता है।


25. जीन कोश क्या है ?

उत्तर ⇒  किसी भी प्रजाति विशेष के एक समष्टि या आबादी में स्थित समस्त * जीन उस आबादी का जीन कोश (gene pool) कहलाता है ।जीन कोश के कुछ जीन में वातावरणीय कारणों से कुछ बदलाव आ सकला है । जीन में होनेवाले ऐसे चयनित बदलाव पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशागत होते रहते हैं ।


26. बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है ?

उत्तर ⇒  पर्यावरण परिवर्तन में प्रतिकूलता ही बाघों की संख्या में कमी का मुख्य कारण है । जनन के कारण लक्षण प्रतिकूल वातावरण में भी यथावत् रहते हैं । परंतु अगर पर्यावरण व वातावरण बाघों के लिए अनुकूल न रहा हो और इस पर ध्यान न दिया गया तो इन्हें समाप्त होने या नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकता।


27. जाति उद्भवन से क्या समझते हैं ? इसका क्या कारण है ?

उत्तर ⇒  नई प्रजातियों का निर्माण जाति उद्भवन कहलाता है। लैंगिक जनन करन वाले जीवों में अंत: प्रजनन, आनुवंशिक विचलन तथा प्राकृतिक चुनाव के द्वारा जाति उद्भवन होता है।


28. प्रभावी व अप्रभावी लक्षण किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒  लैंगिक जनन वाले जीवों में एक अभिलक्षण (Trait) के जीन के दो प्रतिरूप (copies) होते हैं । इन प्रतिरूपों के एकसमान न होने की स्थिति में जो भिलक्षण व्यक्त होता है उसे प्रभावी लक्षण तथा अन्य को अप्रभावी लक्षण कहते हैं।


29. क्या भौतिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है ? क्यों या क्यों नहीं ?

उत्तर ⇒  भौतिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उदभव का प्रमुख कारक है, विशेषकर अलैंगिक जनन कर रहे पादपों में । एक जीवधारी भौतिक परिस्थितियों में जीवित रहता है परंतु कुछ जीवधारी यदि निकटवर्ती भौगोलिक पर्यावरण में विस्थापित हो जाते हैं जिनमें विभिन्न भौतिक परिवर्तनीय लक्षण हों तो वे जीवित नहीं रहेंगे । यदि जीवित रह रहे जीवधारियों में अलैंगिक जनन होता है और फिर वे अन्य पर्यावरण में विस्थापित होते हैं तो वे भी भिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में जीवित नहीं रह पायेंगे।


30. क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है । क्यों ? अथवा क्यो नही ?

उत्तर ⇒  एक तितली और चमगादड के पंखों को समजात अंग नहीं कहा जा सकता । हालांकि तितली तथा पक्षी (चमगादड़) के पंख (wings) उड़ने का कार्य करते हैं, परंतु इनकी मूल संरचना और उत्पत्ति अलग-अलग प्रकार की होती है । चमगादड़ के पंख में अस्थियाँ, त्वचा तथा पर (feathers) होते हैं, जबकि तितली या अन्य कीटों के पंख क्यूटिकल के परत से ढंके होते हैं तथा इनमें कुछ तंत्रिकीय पेशियाँ होती हैं।


31. यदि एक लक्षण (trait) A अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10% सदस्यों में पाया जाता है तथा B उसी समष्टि में 90% जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न होगा, और क्यों ?

उत्तर ⇒  अलैंगिक जनन के अन्तर्गत पीढ़ी-दर-पीढ़ी आपस में बहुत अधिक समानताएँ होती हैं। उनमें आपस में बहुत कम अन्तर होता है। इसी आधार पर जो लक्षण अधिक प्रतिशत मात्रा में समष्टि के सदस्यों में उपस्थित है वह लक्षण पहले भी उत्तेजित रहा होगा । अतः लक्षण B जो समष्टि 90% जीवों में है पहले उत्पन्न हुआ होगा।


32. संतति में नर तथा मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है ?

उत्तर ⇒  एक स्पीशीज के प्रत्येक सदस्य की कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या शुमान होती है । लैंगिक प्रजनन में प्रत्येक गुणसूत्र दो समान लंबाई वाले भागों में र जाता है । प्रत्येक क्रोमेटिड कहलाता है । हर क्रोमेटिड लैंगिक प्रजनन में सक्रिय ग लेता है जिन्हें नर तथा मादा युग्मक कहते हैं । केवल एक युग्मक ही लैंगिक में भाग नहीं ले सकता । अत: नर तथा मादा पिताओं के युग्मक लैंगिक जनन में सक्रिय भाग लेते हैं तथा आनुवंशिकता सुनिश्चित होती है।

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